ॐ गुरुपरमात्मने नमः

1.7   परोक्षं ब्रह्मज्ञानं किम्

“ब्रह्म सच्चिदानन्दरूपं” इति परोक्षब्रह्मज्ञानम्। “तत्त्वमसि” इति महावाक्यान्तर्गतः तत्पदार्थः। परोक्षब्रह्मज्ञानं अद्वैतस्य अपरोक्षज्ञानार्थं उपयोगि भवति।

What is parokṣa brahma jñāna

Parokṣa brahma jñāna is the understanding “brahman is of the nature of sat, cit and ānanda.” Brahman is the word “tat” in the mahāvākya “tat tvam asi”. Parokṣa brahma jñāna leads to the advaitic aparokṣa brahma jñāna.

परोक्षब्रह्मज्ञान सो क्या है

उत्तर – (१ परोक्ष ब्रह्मज्ञानका स्वरूप)
सच्चिदानंदरूप ब्रह्म है, ऐसा जो जानना सो परोक्ष *१३ ब्रह्मज्ञान है |

*१३. परोक्षज्ञान । "तत्त्वमसि" महावाक्यगत "तत्" पदके अर्थकूं जनावता है। यातै सौ अपरोक्ष अद्वैतज्ञानविषै उपयोगी है॥